Index Search for 'आरुह्यैरावतस्कन्धं' |
Shloka: | संदिग्धं विजयं दृष्ट्वा विजयेप्सुः सुरेश्वरः ।आरुह्यैरावतस्कन्धं प्रययौ दैवतैः सह । विजिघांसुर्महासेनमिन्द्रस्तूर्णतरं ययौ ॥ |
Reference: | 3.37.216.0.3(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>षोडशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#3) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | षोडशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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