Index Search for 'आमन्त्रयति' |
Shloka: | अहं तु प्रेषितो राजन्कौरवेण महात्मना ।आमन्त्रयति वो राजा धार्तराष्ट्रो जनेश्वरः । मनोऽभिलषितं राज्ञस्तं क्रतुं द्रष्टुमर्हथ ॥ |
Reference: | 3.39.242.0.10(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>घोषयात्रापर्व>द्विचत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#10) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | घोषयात्रापर्व |
Adhyaya: | द्विचत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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