Index Search for 'आभीक्ष्णम्' |
Shloka: | शर्मिष्ठा उवाच - आसीनम् च शयानम् च पिता ते पितरम् मम । स्तौति वन्दति चआभीक्ष्णम् नीचैः स्थित्वा विनीतवत् ॥ |
Reference: | 1.7.73.2.9(आदिपर्व>संभवपर्व>त्रिसप्ततितमोऽध्यायः (73)>ययात्युपाख्यान>श्लोक#9) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | संभवपर्व |
Adhyaya: | त्रिसप्ततितमोऽध्यायः (73) |
Akhyana: | ययात्युपाख्यान |
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