Index Search for 'आपस्य' |
Shloka: | मार्कण्डेय उवाच -आपस्य मुदिता भार्या सहस्य परमा प्रिया । भूपतिर्भुवभर्ता च जनयत्पावकं परम् ॥ |
Reference: | 3.37.212.0.1(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>द्वादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#1) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | द्वादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|