Index Search for 'आनृशंस्यं' |
Shloka: | स कुरुष्व महेष्वास दयां मयि नरर्षभ ।आनृशंस्यं परो धर्मस्त्वत्त एव हि मे श्रुतम् ॥ |
Reference: | 3.32.67.0.15(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>सप्तषष्ठितमोऽध्यायः (67)>श्लोक#15) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | सप्तषष्ठितमोऽध्यायः (67) |
Akhyana: | |
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