Index Search for 'आनीतां' |
Shloka: | आनीतां द्रौपदीं कृष्णां कृत्वा कर्म सुदुष्करम् । जयद्रथं च राजानं विजितं वशमागतम् ॥ |
Reference: | 3.42.276.0.9(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>षट्सप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#9) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | षट्सप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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