Index Search for 'आधिभिश्चैव' |
Shloka: | कर्मजा हि मनुष्याणां रोगा नास्त्यत्र संशयः ।आधिभिश्चैव बाध्यन्ते व्याधैः क्षुद्रमृगा इव ॥ |
Reference: | 3.37.200.0.14(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>द्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#14) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | द्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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