Index Search for 'आदित्यपथमावृत्य' |
Shloka: | तस्य निःश्वासवातेन रज उद्धूयते महत् ।आदित्यपथमावृत्य सप्ताहं भूमिकम्पनम् । सविस्फुलिङ्गं सज्वालं सधूमं ह्यतिदारुणम् ॥ |
Reference: | 3.37.193.0.22(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>त्रिनवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#22) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | त्रिनवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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