Index Search for 'आदित्यचरिताँल्लोकान्विचरिष्यसि' |
Shloka: | आदित्यचरिताँल्लोकान्विचरिष्यसि भामिनि । तेजसा च सुदृष्टां त्वां न करिष्यति कश्चन ॥ |
Reference: | 1.16.204.9.23(आदिपर्व>अर्जुनवनवासपर्व>चतुरधिकद्विशततमोऽध्यायः>शार्ङ्गकोपाख्यान>श्लोक#23) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | अर्जुनवनवासपर्व |
Adhyaya: | चतुरधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | शार्ङ्गकोपाख्यान |
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