Index Search for 'आत्यये' |
Shloka: | शर्मिष्ठा उवाच - न नर्मयुक्तम् वचनम् हिनस्ति न स्त्रीषु राजन् न विवाहकाले । प्राणआत्यये सर्वधन अपहारे पञ्च अनृतानि आहुः अपातकानि ॥ |
Reference: | 1.7.77.2.16(आदिपर्व>संभवपर्व>सप्तसप्ततितमोऽध्यायः (77)>ययात्युपाख्यान>श्लोक#16) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | संभवपर्व |
Adhyaya: | सप्तसप्ततितमोऽध्यायः (77) |
Akhyana: | ययात्युपाख्यान |
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