Index Search for 'आत्मानं' |
Shloka: | तस्मिन्यः संस्थितो ह्यग्निर्नित्यं स्थाल्यामिवाहितः ।आत्मानं तं विजानीहि नित्यं योगजितात्मकम् ॥ |
Reference: | 3.37.203.0.30(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>त्र्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#30) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | त्र्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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