Index Search for 'आत्मव्यवस्थानकरा' |
Shloka: | श्रूयतां चाभिधास्यामि जनकेन यथा पुरा ।आत्मव्यवस्थानकरा गीताः श्लोका महात्मना ॥ |
Reference: | 3.29.2.0.19(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>द्वितीयोऽध्यायः (02)>श्लोक#19) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | द्वितीयोऽध्यायः (02) |
Akhyana: | |
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