Index Search for 'आत्मनः' |
Shloka: | जाया जनयते पुत्रम्आत्मनः अङ्गम् द्विधा कृतम् । तस्मात् भरस्व दुःषन्त पुत्रम् शाकुन्तलम् नृप ॥ |
Reference: | 1.7.69.1.31(आदिपर्व>संभवपर्व>एकोनसप्ततितमोऽध्यायः (69)>शकुन्तलोपाख्यान>श्लोक#31) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | संभवपर्व |
Adhyaya: | एकोनसप्ततितमोऽध्यायः (69) |
Akhyana: | शकुन्तलोपाख्यान |
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