Index Search for 'आत्मदोषकृतैर्ब्रह्मन्नवस्थां' |
Shloka: | अहं हि ब्राह्मणः पूर्वमासं द्विजवरात्मज । वेदाध्यायी सुकुशलो वेदाङ्गानां च पारगः ।आत्मदोषकृतैर्ब्रह्मन्नवस्थां प्राप्तवानिमाम् ॥ |
Reference: | 3.37.205.0.22(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>पञ्चाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#22) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | पञ्चाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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