Index Search for 'आग्नेयमानयन्नित्यमाह्वानेष्वेष' |
Shloka: | सरय्वां जनयत्सिद्धिं भानुं भाभिः समावृणोत् ।आग्नेयमानयन्नित्यमाह्वानेष्वेष कथ्यते ॥ |
Reference: | 3.37.209.0.11(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>नवाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#11) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | नवाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|