Index Search for 'आगच्छावेह' |
Shloka: | सहैवावां भगिन्यौ तु सखीभिः सह मानसम् ।आगच्छावेह रत्यर्थमनुज्ञाप्य प्रजापतिम् ॥ |
Reference: | 3.37.213.0.17(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>त्रयोदशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#17) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | त्रयोदशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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