Index Search for 'आख्यातस्ते' |
Shloka: | ततोऽसि वक्त्राद्विप्रर्षे द्रुतं निःसारितो मया ।आख्यातस्ते मया चात्मा दुर्ज्ञेयोऽपि सुरासुरैः ॥ |
Reference: | 3.37.187.0.44(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>सप्ताशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#44) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | सप्ताशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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