Index Search for 'फलनिर्वृत्तिर्यदापन्नास्मि' |
Shloka: | ममायं स्वकृतो दोषो याहं भीष्मरथात्तदा । प्रवृत्ते वैशसे युद्धे शाल्वार्थं नापतं पुरा । तस्येयंफलनिर्वृत्तिर्यदापन्नास्मि मूढवत् ॥ |
Reference: | 5.60.173.0.4(उद्योगपर्व>अम्बोपाख्यानपर्व>त्रिसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#4) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | अम्बोपाख्यानपर्व |
Adhyaya: | त्रिसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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