Index Search for 'फलमाप्नोति' |
Shloka: | कथं चफलमाप्नोति तेषां धर्मभृतां वर । एतदिच्छामि तत्त्वेन धर्मं ज्ञातुं सुधार्मिक ॥ |
Reference: | 3.37.200.0.54(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>द्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#54) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | द्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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