Index Search for 'फलं' |
Shloka: | संदष्टोष्ठं विवृत्ताक्षंफलं वृन्तादिव च्युतम् । जटासुरस्य तु शिरो भीमसेनबलाद्धृतम् । पपात रुधिरादिग्धं संदष्टदशनच्छदम् ॥ |
Reference: | 3.34.154.0.60(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>जटासुरवधपर्व>चतुःपञ्चाशदधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#60) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | जटासुरवधपर्व |
Adhyaya: | चतुःपञ्चाशदधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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