Index Search for 'फलम्' |
Shloka: | तमब्रवीद्गुरुः सोऽथ पच्यमानोऽग्निना भृशम् । त्वं मया याजितो राजंस्तस्येदं कर्मणःफलम् ॥ |
Reference: | 3.33.128.0.11(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>अष्टाविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (128)>श्लोक#11) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | अष्टाविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (128) |
Akhyana: | |
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