Index Search for 'फल्गुनस्याथ' |
Shloka: | तथा तर्कयतस्तस्यफल्गुनस्याथ मातलिः । संनतः प्रश्रितो भूत्वा वाक्यमर्जुनमब्रवीत् ॥ |
Reference: | 3.32.43.0.10(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>त्रिचत्वारिंशोऽध्यायः (43)>श्लोक#10) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | त्रिचत्वारिंशोऽध्यायः (43) |
Akhyana: | |
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