Index Search for 'षाण्ढ्यशोफदाहमदमूर्च्छाऽऽटोपानाहातीसारप्रवाहणानि' |
Sutra: | परं च यत्नमास्थाय गुदे क्षाराग्निशस्त्राण्यवचारयेत्, तद्विभ्रमाद्धिषाण्ढ्यशोफदाहमदमूर्च्छाऽऽटोपानाहातीसारप्रवाहणानि भवन्ति मरणं वा॥ |
Reference: | 1.1.6.10.0(पूर्व>सूत्र>ऋतुचर्यम्>सूत्र#10.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | ऋतुचर्यम् |
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