Index Search for 'षष्ठयामष्टम्यां' |
Sutra: | ततोऽपराह्णे पुमान् मासं ब्रह्मचारी सर्पि:स्निग्ध: सर्पि:क्षीराभ्यां शाल्योदनं भुक्त्वा मासं ब्रह्मचारिणीं तैलस्निग्धां तैलमाषोत्तराहारां नारीमुपेयाद्रात्रौ सामभिरभिविश्वास्य; विकल्प्यैवं चतुर्थ्यांषष्ठयामष्टम्यां दशम्यां द्वादश्यां चोपेयादिति पुत्रकाम:॥ |
Reference: | 1.1.2.28.0(पूर्व>सूत्र>शिष्योपनयनीयम्>सूत्र#28.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | शिष्योपनयनीयम् |
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