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Index Search for        'षण्णामादावम्लः'
Sutra: तद्यथा- १. मधुराम्ललवणः, २. मधुराम्लतिक्तः, ३. मधुराम्लतिक्तः, ४. मधुराम्लकषायः, ५. मधुरलवणकटुकः, ६. मधुरलवणतिक्तः, ७. मधुरलवणकषायः, ८, मधुरकटुकतिक्तः, ९. मधुरकटुककषायः, १०. मधुरतिक्तकषायः, एवमेषां दशानां त्रिकसंयोगानामादौ मधुरः प्रयुज्यते; १. अम्ललवणकटुकः, २. अम्ललवणतिक्तः, ३. अम्ललवणकषायः. ४. अम्लकटुतिक्तः, ५. अम्लकटुकषायः, ६. अम्लतिक्तकषायः, एवमेषांषण्णामादावम्लः प्रयुज्यते; १. लवणकटुतिक्तः, २. लवणकटुकषायः, एवमेतेषां त्रयाणामादौ लवणः प्रयुज्यते; १. कटुतिक्तकषायः, एवमेकस्यादौ कटुकः प्रयुज्यते
Reference:1.3.63.10.0(पूर्व>शरीर>सर्वभूतचिन्ताशारीरम्>सूत्र#10.0)
Tantra:पूर्व
Sthana:शरीर
Adhyaya:सर्वभूतचिन्ताशारीरम्
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