Search Sushruta-Samhita (सुश्रुत-संहिता-अण्वेषण-पृष्ठ)     Susruta Samhit Home (आदि-पृष्ठ)           Site Home  (वेब-फलक-आदि-पृष्ठ)

DIRECT SEARCH(unicode Sanskrit)
  

ALPHABET SEARCH
                                 अं       लृ                                    
                                                            क्ष   त्र   ज्ञ


SEARCH BY CLASS
Tantra
 


Results
Index Search for        'षड्विधो'
Sutra:षड्विधो वातपित्तकफशोणितसन्निपातागन्तनिमित्तः। तस्य दोषरूपव्यञ्जनैर्लक्षणानि व्याख्यास्यामः। तत्र वातशोफऽरुणो कृष्णो वा परुषो मृदुरनवस्थितास्तिदादयश्चात्र वेदना विशेषा भवन्ति; पित्तशोफः पीतोशोफः पीतो मृदुः सरक्तो वा शीघ्रानुसार्योषादयश्चत्रा वेदनाविशेषा भवन्ति; श्लेष्मश्वयथुः पाण्डुः कठिनः स्निग्धो मन्दानुसारि कण्ड्वादयश्चात्र वेदना विशेषा भवन्ति; सर्ववर्णवेदनः सन्निपातश्वयथुः; पित्तवत् शोणितजोऽतिकृष्णश्च; पित्तरक्तलक्षण आगन्तुर्लोहितावभासश्च॥
Reference:1.1.17.4.0(पूर्व>सूत्र>आमपक्वैषणीयम्>सूत्र#4.0)
Tantra:पूर्व
Sthana:सूत्र
Adhyaya:आमपक्वैषणीयम्
Search other sources: search this word on other online resources