Index Search for 'फेनानुविद्धमधिकं' |
Sutra: | तत्रानिलात्परुषसूक्ष्ममुखी सशूलाफेनानुविद्धमधिकं स्रवति क्षपायाम्। तृट्तापतोदसदनज्वरभेदहेतु: पीतं स्रवत्यधिकमुष्णमह:सु पित्तात्॥ |
Reference: | 1.1.10.11.0(पूर्व>सूत्र>विशिखानुप्रवेशनीयम्>सूत्र#11.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | विशिखानुप्रवेशनीयम् |
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