Index Search for 'त्रिवर्णकत्र्यूषणयुक्तमेतद्' |
Sutra: | त्रिवर्णकत्र्यूषणयुक्तमेतद् गुडेन लिह्यादनवेन चूर्णम्। प्रस्थे च तन्मूलरसस्य दत्त्वा तन्मूलकं कुडवप्रमाणम्॥ |
Reference: | 1.1.44.7.0(पूर्व>सूत्र>विरेचनद्रव्यविकल्पविज्ञानीयम्>सूत्र#7.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | विरेचनद्रव्यविकल्पविज्ञानीयम् |
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