Index Search for 'त्रिभिश्चतुर्भिः' |
Sutra: | अथ खल्वप्रवर्तमाने रक्ते एलाशीतशिवकुष्ठतगरपाठाभद्रदारुविडङ्गचित्रकत्रिकटुकागारधूमहरिद्रार्काङ्कुरनक्तमालफलैर्यथालाभंत्रिभिश्चतुर्भिः समस्तैर्वा चूर्णीकृतैर्लवण तैलप्रगाढैर्व्रण मुखमवघर्षयेत्, एवं सम्यक् प्रवर्तते॥ |
Reference: | 1.1.14.36.0(पूर्व>सूत्र>शोणितवर्णनीयम्>सूत्र#36.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | शोणितवर्णनीयम् |
Search other sources: | search this word on other online resources
|