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Sutra: | म्लानाङ्गः सुरुचिरपाणिपादवक्त्रो बह्वाशी कलुषशिरावृतोदरो यः। सोद्वेगो भवति च मूत्रतुल्यगन्धिह् सज्ञेयः शिशुरिह वक्त्रमण्डिकार्तः॥ |
Reference: | 1.1.27.15.0(पूर्व>सूत्र>शल्यापनयनीयम्>सूत्र#15.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | शल्यापनयनीयम् |
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