Search Sushruta-Samhita (सुश्रुत-संहिता-अण्वेषण-पृष्ठ)     Susruta Samhit Home (आदि-पृष्ठ)           Site Home  (वेब-फलक-आदि-पृष्ठ)

DIRECT SEARCH(unicode Sanskrit)
  

ALPHABET SEARCH
                                 अं       लृ                                    
                                                            क्ष   त्र   ज्ञ


SEARCH BY CLASS
Tantra
 


Results
Index Search for        'खल्वेवंप्रवृत्तस्य'
Sutra: तस्यखल्वेवंप्रवृत्तस्य शुक्रशोणितस्याभिपच्यमानस्य मानस्य क्षीरस्येव सन्तानिकाः सप्त त्वचो भवन्ति।तासां प्रथमाऽवभासिनी नाम, या सर्ववर्णानवभासयति पञ्चविधां च छायां प्रकाशयति, सा व्रीहेरष्टादशभागप्रमाणा, सिद्ध्मपद्मकंटकाधिष्ठाना; द्वितीया लोहिता नाम, व्रीहिषोडशभागप्रमाणा, तिलकलकन्यच्छव्यङ्गाधिष्ठाना; तृतीया श्वेता नाम,व्रीहिद्वादशभागप्रमाणा, चर्मदलाजगल्लीमशकाधिष्ठाना; चरुर्थी ताम्रा नाम व्रीहेरष्टभागप्रमाणा, विविधकिलासकुष्ठाधिष्ठाना; पञ्चमी वेदिनी नाम, व्रीहिपञ्चभागप्रमाणा, कुष्ठविसर्पाधिष्ठाना; ष
Reference:1.1.4.4.0(पूर्व>सूत्र>प्रभाषणीयम्>सूत्र#4.0)
Tantra:पूर्व
Sthana:सूत्र
Adhyaya:प्रभाषणीयम्
Search other sources: search this word on other online resources