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Index Search for        'ऊर्ध्वमसाध्यान्'
Sutra: अतऊर्ध्वमसाध्यान् वक्ष्यामः- मांसपिण्डवदुद्गताः प्रसेकिनोऽन्तः पूयवेदनावन्तोऽश्वापानवदुद्वृत्तौष्ठाः केचित् कठिना गोशृङ्गवदुद्गतमृदुमांसप्ररोहाः; अपरे दुष्टरुधिरास्राविणस्तनुशीतपिच्छिलास्राविणो वा मध्योन्नताः; केचिदवसन्नशुषिरपर्यन्ताः शणतूलवत् स्नायुजालवन्तो दुर्दर्शनाः; वसामेदोमज्जमस्तुलुङ्गस्राविणश्च दोषसमुत्थाः; पीतासितमूत्रपुरीषवातवाहिनश्च कोष्ठस्थाः; त एवोभयतोभागव्रणमुखेषु पूयरक्तनिर्वाहिणः; (क्षीणमांसानां च) सर्वतोगतयश्चाणुमुखा मांसबुद्बुदवन्तः; सशब्दवातवाहिनश्च शिरःकण्ठस्थाः; क्षीणमांसान
Reference:1.1.23.12.0(पूर्व>सूत्र>कृत्याकृत्यविधिम्>सूत्र#12.0)
Tantra:पूर्व
Sthana:सूत्र
Adhyaya:कृत्याकृत्यविधिम्
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