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Index Search for        'ऊर्ध्वं'
Sutra: अतऊर्ध्वं रसद्वन्द्वानि रसतो वीर्यतो विपाकतश्च विरुद्धानिवेक्ष्यामः- तत्र मधुराम्लौ रसवीर्यविरुद्धौ मधुरलवणौ च, मधुरकटुकौ च सर्वतः, मधुरतिक्तौ रसविपाकाभ्यां, मधुरकषायौ चाम्ललवणौ रसतः, अम्लकटुकौ रसविपाकाभ्यां, अम्लतिक्तावम्लकषायौ च सर्वतः, लवणकटुकौ रसविपाकाभ्यां, लवणतिक्तौ लवणकषायौ च सर्वतः, कटुतिक्तौ रसवीर्याभ्यां, कटुकषायौ च तिक्तकषायौ रसतः।
Reference:1.1.20.16.0(पूर्व>सूत्र>हिताहितीयम्>सूत्र#16.0)
Tantra:पूर्व
Sthana:सूत्र
Adhyaya:हिताहितीयम्
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