Index Search for 'उत्थानसंवेशनपरिवर्तनचङ्क्रमणोच्चैर्भाषणाद्यास्वात्मचेष्टास्वप्रमत्तो' |
Sutra: | उत्थानसंवेशनपरिवर्तनचङ्क्रमणोच्चैर्भाषणाद्यास्वात्मचेष्टास्वप्रमत्तो व्रणं संरक्षेत्। |
Reference: | 1.1.19.11.0(पूर्व>सूत्र>व्रणितोपासनीयम्>सूत्र#11.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | व्रणितोपासनीयम् |
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