Search Sushruta-Samhita
(सुश्रुत-संहिता-अण्वेषण-पृष्ठ)
Susruta Samhit Home
(आदि-पृष्ठ)
Site Home
(वेब-फलक-आदि-पृष्ठ)
DIRECT SEARCH
(unicode Sanskrit)
ALPHABET SEARCH
ॐ
अ
आ
इ
ई
 
उ
ऊ
ए
ऐ
ओ
औ
अं
ऋ
लृ
क
ख
ग
घ
च
छ
ज
झ
ट
ठ
ड
ढ
ण
त
थ
द
ध
न
प
फ
ब
भ
म
य
र
ल
व
श
ष
स
ह
क्ष
त्र
ज्ञ
SEARCH BY CLASS
Tantra
पूर्वतंत्र
उत्तरतंत्र
Results
Index Search for
'उक्तः॥'
Sutra:
अतः परं प्रत्यङ्गानि वक्ष्यन्ते- मस्तकोदरपृष्ठनाभिललाटनासाचिबुकबस्तिग्रीवा इत्येता एकैकाः, कर्णनेत्रभ्रूशङ्खांसगण्डकक्षस्तनवृषणपार्श्वस्फिग्जानुबाहूरुप्रभृतयो द्वे द्वे, विंशतिरङ्गुलयः, स्रोतांसि वक्ष्यमाणानि एष प्रत्यङ्गविभाग
उक्तः॥
Reference:
1.1.5.4.0(पूर्व>सूत्र>अग्रोपहरणीयम्>सूत्र#4.0)
Tantra:
पूर्व
Sthana:
सूत्र
Adhyaya:
अग्रोपहरणीयम्
Search other sources:
search this word on other online resources