Index Search for 'आज्यशेषेण' |
Sutra: | ततो गुग्गुल्वगुरुसर्जरसवचागौरसर्षपचूर्णैर्लवणनिम्बपत्रविमिश्रैराज्ययुक्तैर्धूपयेत्आज्यशेषेण चास्य प्राणान् समालभेत्॥ |
Reference: | 1.1.5.18.0(पूर्व>सूत्र>अग्रोपहरणीयम्>सूत्र#18.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | अग्रोपहरणीयम् |
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