Index Search for 'अस्थिसारैस्तथा' |
Sutra: | भवन्ति चात्र- अभ्यन्तरगतैः सारैर्यथा तिष्ठन्ति भूरुहाः।अस्थिसारैस्तथा देहा ध्रियन्ते देहिनां ध्रुवम्॥ |
Reference: | 1.1.5.21.0(पूर्व>सूत्र>अग्रोपहरणीयम्>सूत्र#21.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | अग्रोपहरणीयम् |
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