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Index Search for        'असात्म्यबीभत्सदुर्गन्धदुर्दर्शनानि'
Sutra: अथापरेद्युः पूर्वाह्णे साधारणे काले वमनद्रव्यकषायकल्कचूर्णस्नेहा नामन्यतमस्य मात्रां पाययित्वा वामयेद्यथायोगं कोष्ठविशेषमवेक्ष्यअसात्म्यबीभत्सदुर्गन्धदुर्दर्शनानि च वमनानि विदध्यात। अतो विपरीतानि विरेचनानि तत्र सुकुमारं कृशंबालं वृद्धं भीरुं वा वमनसाध्येषु विकारेषु क्षीरदधितक्रयवागूनामन्यतममाकण्ठ पाययेत् पीतौषधं च पाणिभिरग्नितप्तैः प्रताप्यमानं मुहूर्तमुपेक्षेत। तस्य च स्वेदप्रादुर्भावेण शिथिलतामापन्नं स्वेभ्यः स्थानेभ्यः प्रचलितं कुक्षिमनुसृतं जानीयात्। ततः प्रवृत्तहृल्लासं ज्ञात्वा जानुमात्रा
Reference:1.1.33.7.0(पूर्व>सूत्र>अवारणीयम्>सूत्र#7.0)
Tantra:पूर्व
Sthana:सूत्र
Adhyaya:अवारणीयम्
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