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'अष्टौ'
Sutra:
प्रागभिहितं ’संविशमध्यायशतं पञ्चसु स्थानेषु’। तत्र सूत्रस्थानमध्यायाः षट्चत्वारिंशत्, षोडश निदानानि, दश शारीराणि, चत्वारिंशच्चिकित्सितानि,
अष्टौ
कल्पाः, तदुत्तरं षट्षष्टिः॥
Reference:
1.1.3.3.0(पूर्व>सूत्र>अध्ययनसंप्रदानीयम्>सूत्र#3.0)
Tantra:
पूर्व
Sthana:
सूत्र
Adhyaya:
अध्ययनसंप्रदानीयम्
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