Index Search for 'अश्वत्थदेवायतनश्मशानवल्मीकसन्ध्यासु' |
Sutra: | अश्वत्थदेवायतनश्मशानवल्मीकसन्ध्यासु चतुष्पथेषु। याम्ये सपित्र्ये परिवर्जनीया ऋक्षे नरा मर्मसु ये च दष्टाः॥ |
Reference: | 1.1.3.38.0(पूर्व>सूत्र>अध्ययनसंप्रदानीयम्>सूत्र#38.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | अध्ययनसंप्रदानीयम् |
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