Search Sushruta-Samhita (सुश्रुत-संहिता-अण्वेषण-पृष्ठ)     Susruta Samhit Home (आदि-पृष्ठ)           Site Home  (वेब-फलक-आदि-पृष्ठ)

DIRECT SEARCH(unicode Sanskrit)
  

ALPHABET SEARCH
                                 अं       लृ                                    
                                                            क्ष   त्र   ज्ञ


SEARCH BY CLASS
Tantra
 


Results
Index Search for        'अम्ललवणः,'
Sutra: तद्यथा- १. मधुराम्लः, २. मधुरलवणः, ३. मधुरकटकः, ४. मधुरतिक्तः, ५. मधुरकषायः, एते पञ्चानुक्रान्ता मधुरेण; १.अम्ललवणः, २. अम्लकटुकः, ३. अम्लतिक्तः, ४. अम्लकषायः, एते चत्वारोऽनुक्रान्ता अम्लेन; १. लवणकटुकः, २. लवणतिक्तः, ३. लवणकषायः, एते त्रयोऽनुक्रान्ता लवणेन, १. कटुतिक्तः, २. कटुकषायः, द्वावेतावनुक्रान्तौ कटुकेन; १.तिक्तकषाय एक एवानुक्रान्तस्तिक्तेन; एवमेते पञ्चदश द्विकसंयोगा व्याख्याताः॥
Reference:1.3.63.8.0(पूर्व>शरीर>सर्वभूतचिन्ताशारीरम्>सूत्र#8.0)
Tantra:पूर्व
Sthana:शरीर
Adhyaya:सर्वभूतचिन्ताशारीरम्
Search other sources: search this word on other online resources