Index Search for 'अम्लप्रस्थशतोन्मिश्रं' |
Sutra: | यवार्धकुङ्वं पिष्ट्वा मञ्जिष्ठार्धपलं तथा।अम्लप्रस्थशतोन्मिश्रं तैलंप्रस्थं विपाचयेत्॥ |
Reference: | 1.1.39.285.0(पूर्व>सूत्र>संशोधनसंशमनीयम्>सूत्र#285.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | संशोधनसंशमनीयम् |
Search other sources: | search this word on other online resources
|