Index Search for 'अजीर्णपित्तातपपीडितेषु' |
Sutra: | दर्वीकराणां विषमाशुघाति सर्वाणि चोष्णे द्विगुणीभवन्ति।अजीर्णपित्तातपपीडितेषु बालप्रमेहिष्वथ गर्भिणीषु॥ |
Reference: | 1.1.3.39.0(पूर्व>सूत्र>अध्ययनसंप्रदानीयम्>सूत्र#39.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | अध्ययनसंप्रदानीयम् |
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