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Sutra: | अचिरज्वरितस्यापि देयं स्याद्दोषपाकतः। भेषजं ह्यामदोषस्य भूयो ज्वलयति ज्वरम्। शोधनं, शमनीयं तु करोति विषमज्वरम्॥ |
Reference: | 1.1.39.122.0(पूर्व>सूत्र>संशोधनसंशमनीयम्>सूत्र#122.0) |
Tantra: | पूर्व |
Sthana: | सूत्र |
Adhyaya: | संशोधनसंशमनीयम् |
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