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Alphabet search found 276 results for 'घ'
घोरान् (1.2.47.19.0)
घोरं (1.2.47.88.0)
घनं (1.2.47.90.0)
घ्राणशिरोऽक्षिनासाश्रवणरोगी (1.2.48.16.0)
घटो (1.2.49.24.0)
घटे॥ (1.2.49.25.0)
घोराः (1.2.50.13.0)
घनमुग्रकण्डु (1.2.51.14.0)
घोराण्युदराणि (1.2.53.6.0)
घोरं (1.2.53.12.0)
घोरं (1.2.53.14.0)
घाटालो (1.2.55.10.0)
घोरो (1.2.55.26.0)
घोर: (1.2.55.33.0)
घनामवक्त्रां (1.2.59.6.0)
घ्नति (1.2.59.21.0)
घृतमण्डाभौ (1.2.62.11.0)
घृष्टेषु (1.2.62.23.0)
घ्राणस्य, (1.3.63.7.0)
घृतपिण्डो (1.3.64.36.0)
घ्राता (1.3.65.4.0)
घनः (1.3.65.18.0)
घ्राणकर्णग्रीवाक्षिकोषेषु (1.3.67.20.0)
घ्नन्ति (1.3.68.10.0)
घ्नन्ति (1.3.68.15.0)
घ्राणमार्गमुभयतः (1.3.68.28.0)
घोषं (1.3.71.5.0)
घृताक्तं (1.3.72.12.0)
घृततैलयोरन्यतरस्य (1.3.72.17.0)
घृतम्। (1.3.72.61.0)
घृतं (1.3.72.68.0)
घृतं (1.3.72.69.0)
घृतं (1.3.72.69.0)
घृष्टमाहुस्तथा (1.4.74.10.0)
घृतमभ्यङ्गः; (1.4.77.10.0)
घृताभ्यक्तगुदाय (1.4.78.4.0)
घृताभ्यक्तं (1.4.78.4.0)
घृतं (1.4.81.7.0)
घृतप्रस्थे (1.4.81.9.0)
घृतेन (1.4.81.10.0)
घृतभाजने (1.4.82.6.0)
घृते (1.4.83.4.0)
घृतेन (1.4.83.6.0)
घातयेत्॥ (1.4.87.10.0)
घृततैलवसायुतैः। (1.4.88.4.0)
घृते (1.4.89.5.0)
घृतं (1.4.89.9.0)
घृतस्य (1.4.89.10.0)
घर्षयेद्दन्तं (1.4.96.8.0)
घृतवन्तमोदनमश्नीयात्। (1.4.99.7.0)
घृतवन्तमोदनमश्नीयात् (1.4.99.8.0)
घृतवन्तमोदनमश्नीयात् (1.4.99.12.0)
घृतप्रस्थं (1.4.100.6.0)
घृतं (1.4.103.4.0)
घर्षणात्। (1.4.108.6.0)
घ्राणेनाददीत (1.4.112.9.0)
घृतम्। (1.5.113.61.0)
घृतं (1.5.113.70.0)
घृतं (1.5.114.49.0)
घटे (1.5.115.10.0)
घोराण्यपि (1.5.115.15.0)
घातयित्वा (1.5.115.20.0)
घुर्घुरको (1.5.116.42.0)
घोरान् (1.5.117.80.0)
घृतं (1.5.119.25.0)
घोरा (1.5.120.65.0)
घातितानां (1.5.120.65.0)
घोरतमं (1.5.120.75.0)
घोरा (1.5.120.92.0)
घोरो (1.5.120.124.0)
घोरान् (2.6.127.5.0)
घृतं (2.6.129.19.0)
घृतम्॥ (2.6.129.20.0)
घृतेन (2.6.129.22.0)
घृष्टः। (2.6.130.11.0)
घृतस्य (2.6.132.9.0)
घृतं (2.6.132.15.0)
घर्षणं (2.6.132.29.0)
घृतं (2.6.132.41.0)
घृष्टं (2.6.132.53.0)
घृष्टेन (2.6.136.8.0)
घृततैलसंयुते। (2.6.137.26.0)
घृतप्रगाढां (2.6.137.31.0)
घृतं (2.6.137.33.0)
घृतं (2.6.137.34.0)
घृतं (2.6.137.42.0)
घृतं (2.6.137.48.0)
घर्माशुर्यदा (2.6.137.64.0)
घृतेनाभ्यज्य (2.6.137.67.0)
घृतम्॥ (2.6.137.72.0)
घृतनाक्ष्णः (2.6.137.79.0)
घनः (2.6.137.80.0)
घृतं (2.6.137.87.0)
घृतं (2.6.139.13.0)
घृतपयोमधु (2.6.139.14.0)
घ्राणमुखं (2.6.140.12.0)
घनं (2.6.140.16.0)
घृतपानं (2.6.141.3.0)
घृतेभ्यो (2.6.141.21.0)
घृतं (2.6.141.49.0)
घ्राणाश्रितं (2.6.142.9.0)
घ्राणाश्रिते (2.6.142.11.0)
घ्राणे (2.6.142.14.0)
घ्राणं (2.6.142.16.0)
घ्राणाश्रिते (2.6.142.17.0)
घ्राणतश्चूर्णमुक्तं (2.6.143.10.0)
घ्राणजान् (2.6.143.12.0)
घ्राणात् (2.6.144.7.0)
घ्राणाच्छुक्लःशीतः (2.6.144.9.0)
घोरांश्च (2.6.144.17.0)
घनं (2.6.144.20.0)
घृतमुत्पाद्य (2.6.144.39.0)
घ्राणाच्च (2.6.145.11.0)
घोरः। (2.6.145.11.0)
घाटासु (2.6.145.13.0)
घृतं (2.6.146.3.0)
घ्रेयं (2.6.146.22.0)
घ्राणगताः (2.6.146.45.0)
घृतम्। (2.6.148.6.0)
घण्टा (2.6.148.8.0)
घृतं (2.6.149.5.0)
घृतम्। (2.6.149.6.0)
घृतं (2.6.150.9.0)
घृतम्॥ (2.6.151.6.0)
घृतं (2.6.152.5.0)
घृतम् (2.6.152.7.0)
घृतार्थमुपदिष्यते। (2.6.153.5.0)
घृतं (2.6.155.5.0)
घृताभ्यक्तां (2.6.158.28.0)
घोरमन्तकं (2.6.159.68.0)
घृतं (2.6.159.98.0)
घॄताभ्याङ्गस्वेदलेपानवस्थासु (2.6.159.174.0)
घृतं (2.6.159.211.0)
घृतं (2.6.159.216.0)
घृतप्रस्थं (2.6.159.234.0)
घृतं (2.6.159.243.0)
घृतप्रश्थं (2.6.159.250.0)
घ्राणकर्णाक्षिवदनवत्म्ररोगव्रणापहम्। (2.6.159.252.0)
घृतं (2.6.159.259.0)
घृतं (2.6.159.260.0)
घृताभ्यक्तो (2.6.159.265.0)
घनतुङ्गपयोधरा:। (2.6.159.278.0)
घृतम्॥ (2.6.159.303.0)
घृतं (2.6.159.318.0)
घोरो (2.6.159.321.0)
घोरं (2.6.160.6.0)
घनं (2.6.160.42.0)
घनं (2.6.160.65.0)
घॄतंच (2.6.160.79.0)
घ्नन्ति (2.6.160.94.0)
घ्नन्त्युदरानयम्। (2.6.160.97.0)
घृतमुच्यते॥ (2.6.160.102.0)
घृते (2.6.160.126.0)
घृततैलयुक्तम्।। (2.6.160.147.0)
घृतमण्ङयुक्तान् (2.6.160.148.0)
घृतं (2.6.160.154.0)
घृतं (2.6.160.179.0)
घृतं (2.6.160.180.0)
घृतेनाजाविकेन (2.6.161.32.0)
घृतं (2.6.161.40.0)
घृतेन (2.6.161.41.0)
घृतक्षौद्रयुतं (2.6.161.41.0)
घृतस्य। (2.6.161.45.0)
घृतोत्तमं (2.6.161.46.0)
घृतं (2.6.161.49.0)
घृतस्य (2.6.161.52.0)
घृतेन (2.6.162.18.0)
घृतं (2.6.162.22.0)
घ्नन्ति (2.6.162.37.0)
घृतान्येतान्यसंशयम्। (2.6.162.37.0)
घृतम्॥ (2.6.162.37.0)
घ्नन्ति (2.6.162.38.0)
घूतान्येतान्यसंशयम्॥ (2.6.162.38.0)
घृतं (2.6.162.39.0)
घृतं (2.6.162.121.0)
घृतं (2.6.163.16.0)
घृतं (2.6.163.19.0)
घृतेनोर्ध्वमधश्च् (2.6.164.14.0)
घृतेन॥ (2.6.164.15.0)
घोरम्॥ (2.6.164.23.0)
घोरनपि (2.6.164.24.0)
घृतं (2.6.164.31.0)
घृतं (2.6.164.36.0)
घृतसंस्कृतं (2.6.165.17.0)
घृतोत्तराः॥ (2.6.165.17.0)
घृतानि (2.6.165.18.0)
घ्राणतः (2.6.165.28.0)
घृतं (2.6.165.33.0)
घ्नन्ति (2.6.165.36.0)
घ्राणप्रवृत्ते (2.6.165.37.0)
घृतं (2.6.165.39.0)
घृतेन (2.6.165.41.0)
घृतं (2.6.166.19.0)
घृतं (2.6.166.24.0)
घोरं (2.6.167.54.0)
घृतानि (2.6.168.33.0)
घ्नन्ति (2.6.169.21.0)
घृष्टं (2.6.169.33.0)
घ्रेयाण्युपहरेच्चापि (2.6.169.34.0)
घोषवानाशु (2.6.170.6.0)
घनम्। (2.6.170.9.0)
घोरा (2.6.170.12.0)
घोषयत्यतितृष्यतः॥ (2.6.170.14.0)
घृतं (2.6.170.18.0)
घ्नन्ति (2.6.170.22.0)
घ्रातं (2.6.170.23.0)
घृतं (2.6.170.31.0)
घोरो (2.6.171.3.0)
घोषेण (2.6.171.9.0)
घृतं (2.6.171.16.0)
घृतम्। (2.6.171.17.0)
घृतप्रस्थं (2.6.171.22.0)
घृतम्॥ (2.6.171.26.0)
घृतं (2.6.171.29.0)
घृतक्षौद्रयुतां (2.6.172.18.0)
घृतसम्प्रयुक्ता (2.6.172.22.0)
घृतं (2.6.172.26.0)
घृतमेव (2.6.172.27.0)
घृतं (2.6.172.29.0)
घृतं (2.6.172.33.0)
घृताच्च। (2.6.172.44.0)
घृतं (2.6.172.47.0)
घृतं (2.6.173.10.0)
घृतं (2.6.173.11.0)
घृतं (2.6.173.15.0)
घृतानि (2.6.174.40.0)
घोरम्॥ (2.6.175.7.0)
घोरा (2.6.175.14.0)
घनं (2.6.175.24.0)
घृतं (2.6.175.47.0)
घृताढकम्। (2.6.178.61.0)
घृताढकं (2.6.178.67.0)
घृतं (2.6.179.18.0)
घृतं (2.6.179.21.0)
घृतानि (2.6.180.51.0)
घृतं (2.6.181.29.0)
घ्राणे (2.6.182.15.0)
घृतमेतन्निहन्त्याशु (2.6.182.27.0)
घर्मकाले (2.6.184.42.0)
घृतानि (2.6.184.46.0)
घोरानृतुकृतान् (2.6.184.54.0)
घनसाधर्म्यात्; (2.6.185.41.0)
घ्राणोत्थानां (1.1.3.34.0)
घटयेदात्मना (1.1.3.54.0)
घनां (1.1.5.17.0)
घ्नन्तु (1.1.5.21.0)
घृतेन (1.1.5.42.0)
घुणोपहतकाष्ठवेणुनलनालीशु्ष्कालाबूमुखेष्वेष्यस्य; (1.1.9.4.0)
घ्राणेन्द्रियविज्ञेया (1.1.10.5.0)
घृताक्तो (1.1.11.22.0)
घोरान्॥ (1.1.11.31.0)
घृतालेपनसेकांस्तु (1.1.12.22.0)
घृतमिश्रैः (1.1.12.26.0)
घटे (1.1.13.17.0)
घटमन्यं (1.1.13.17.0)
घृष्ट्वा (1.1.16.28.16)
घृष्ट्वा (1.1.16.28.17)
घृतान्वितैः। (1.1.16.28.19)
घृतं (1.1.16.32.0)
घट्यत (1.1.17.5.0)
घनता (1.1.17.6.0)
घनत्वाज्जनयेत् (1.1.18.16.0)
घनां (1.1.18.21.0)
घनां (1.1.18.38.0)
घर्षति। (1.1.18.39.0)
घृतं, (1.1.20.5.0)
घर्मान्ते (1.1.21.20.0)
घनान्ते (1.1.21.22.0)
घृष्टासु (1.1.22.8.0)
घनः (1.1.22.8.0)
घ्नन्ति (1.1.23.9.0)
घोरा (1.1.25.39.0)
घृतमुपशुष्यति (1.1.26.12.0)
घट्टते (1.1.26.14.0)
घुर्घुरायन्ते (1.1.28.16.0)
घनान्। (1.1.30.17.0)
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