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Alphabet search found 176 results for 'ख'
खल्वयमिति। (1.1.35.4.0)
खलु (1.1.40.3.0)
खतेजोऽनिलजैः (1.1.41.8.0)
खल्वाप्यो (1.1.42.3.0)
खर:॥ (1.2.47.7.0)
खादतः (1.2.47.68.0)
खञ्जस्तदा (1.2.47.77.0)
खञ्जन्निव (1.2.47.78.0)
खडुकाश्रितः॥ (1.2.47.79.0)
खरा (1.2.49.10.0)
खराणि (1.2.51.8.0)
खलु (1.2.56.4.0)
खलु (1.2.57.12.0)
खलु (1.2.57.20.0)
खरं (1.2.58.11.0)
खर:॥ (1.2.59.23.0)
खालित्यं (1.2.59.35.0)
खर्जूरफलवर्णाभि: (1.2.62.9.0)
खर: (1.2.62.51.0)
खलु (1.2.62.52.0)
खलु (1.2.62.59.0)
खलति:, (1.3.64.25.0)
खञ्जं (1.3.65.18.0)
खलु (1.3.65.31.0)
खलु (1.3.65.32.0)
खल्वेवंप्रवृत्तस्य (1.3.66.4.0)
खल्वपि (1.3.66.5.0)
खादितं (1.3.66.19.0)
खरः। (1.3.66.30.0)
खलु (1.3.66.57.0)
खैर्महद्भिः॥ (1.3.66.80.0)
खल्वष्टादशैकेषाम्॥ (1.3.67.17.0)
खलु। (1.3.67.32.0)
खलु (1.3.68.4.0)
खञ्जता (1.3.68.25.0)
खञ्जता; (1.3.68.25.0)
खञ्जपङ्गुलवातवेदनासु (1.3.70.17.0)
खलु (1.3.71.4.0)
खानि (1.3.71.10.0)
खानि (1.3.71.10.0)
खादन्तरं (1.3.71.13.0)
खादति (1.3.72.51.0)
खदिरकषायाम्, (1.4.81.5.0)
खदिराशननिम्बराजवृक्षरोहितकगुडूचीनामन्यतमस्य (1.4.82.4.0)
खदिरासननिम्बराजवृक्षशालसारक्वाथे (1.4.82.9.0)
खदिरकषायं, (1.4.83.8.0)
खनेद्वा (1.4.83.11.0)
खलु (1.4.89.5.0)
खदिरस्तथा॥ (1.4.96.6.0)
खादेद्गलताल्वोष्ठजिह्वारोगसमुद्भवे॥ (1.4.96.10.0)
खल्वर्शांसि (1.4.99.7.0)
खलु (1.4.101.4.0)
खलु (1.4.102.4.0)
खण्डशः (1.4.102.5.0)
खण्डशश्छेदयित्वा (1.4.103.8.0)
खादिराङ्गारैरिति॥ (1.4.104.4.0)
खादिरैः। (1.4.104.8.0)
खलु (1.4.107.3.0)
खेभ्यश्च (1.5.113.56.0)
खेभ्यः (1.5.113.63.0)
खगाः (1.5.115.16.0)
खादेन्मृतमात्रयोः॥ (1.5.115.33.0)
खलु (1.5.116.14.0)
खण्डफणः, (1.5.116.34.0)
खादन् (1.5.116.48.0)
खादेदौषधकाले (1.5.119.55.0)
खेभ्यः (1.5.120.66.0)
खलु (1.5.120.138.0)
ख्यापिता (2.6.122.8.0)
खरा (2.6.123.13.0)
खराश्च (2.6.123.13.0)
खरः (2.6.123.14.0)
खराणि (2.6.123.29.0)
खलु (2.6.124.3.0)
खलु (2.6.124.4.0)
खरं (2.6.124.6.0)
खलु (2.6.126.23.0)
खद्योतविस्फुलिङ्गाभामिद्धां (2.6.127.3.0)
खद्योतैर्वृक्षांस्तेजोभिरेव (2.6.127.26.0)
खलु (2.6.128.7.0)
खरमञ्जरेर्वा। (2.6.132.50.0)
खदिर (2.6.137.22.0)
खलु॥ (2.6.137.24.0)
खलु (2.6.137.28.0)
खरा (2.6.137.82.0)
खादिरैरवकूलयेत्॥ (2.6.138.35.0)
खदिराश्मन्तकाङगारैर्गोशकृद्भिरथापि (2.6.138.87.0)
खलु (2.6.139.11.0)
खरमञ्जरीणां॥ (2.6.139.11.0)
खलु॥ (2.6.140.8.0)
खलु (2.6.140.15.0)
खल्लादङारतापितात्। (2.6.141.10.0)
खलु (2.6.142.10.0)
खलु (2.6.145.17.0)
खादेच्च (2.6.146.4.0)
खर्जूरीमस्तकेऽपि (2.6.156.5.0)
खरस्पर्शा (2.6.158.18.0)
खरजिह्वः (2.6.159.39.0)
खडयूषयवागूषु (2.6.160.27.0)
खादेद्विपाच्य (2.6.160.134.0)
खादेच्च (2.6.160.146.0)
खादेत्। (2.6.160.147.0)
खादेत् (2.6.160.148.0)
खादेच्च (2.6.160.148.0)
खरोष्ट्रनागाश्वतराश्वजानि (2.6.161.37.0)
खादेत्, (2.6.161.39.0)
खादेदभूक्तवान्। (2.6.162.51.0)
खलाः (2.6.162.55.0)
खादेद्वाऽप्यङ्कुरान् (2.6.162.61.0)
खादेदालुकं (2.6.162.76.0)
ख्यातो (2.6.162.125.0)
ख्यातो (2.6.162.132.0)
खलु (2.6.164.4.0)
खलु (2.6.164.11.0)
खादेदगुडं (2.6.164.16.0)
खलु (2.6.164.30.0)
खर्जूर (2.6.165.20.0)
खलु (2.6.165.43.0)
खर्जूरकाश्मर्यरसैः (2.6.166.15.0)
खर्जूरवेत्रककरीरपरूषकेषु (2.6.167.40.0)
खादेत्कपित्थं (2.6.169.30.0)
खर्जूरमध्यं (2.6.170.28.0)
खस्थो (2.6.171.48.0)
खलु (2.6.171.55.0)
खादेद्गुडं (2.6.172.17.0)
खादेत्पलाशानि (2.6.172.20.0)
खादेच्च (2.6.172.24.0)
खर्जूरभार्गीमगधाप्रियालमधूलिकैः (2.6.172.34.0)
खादेत् (2.6.174.28.0)
खलु (2.6.177.16.0)
खजेनाभिप्रमन्थयेत्। (2.6.178.55.0)
खादेद्यथाशक्ति (2.6.178.63.0)
खराश्वाश्वतरोलूककरभश्वशृगालजम्॥ (2.6.180.41.0)
खादन् (2.6.181.9.0)
ख्यातं (2.6.182.30.0)
खलु। (2.6.184.6.0)
खल्वेष (2.6.185.23.0)
खलु (1.1.1.3.0)
खल्वायुर्वेदं (1.1.1.6.0)
खल्वायुर्वेदप्रयोजनं (1.1.1.13.0)
खल्वपि (1.1.1.29.0)
खगसर्पसरीसृपप्रभृतयोऽण्डजाः, (1.1.1.29.0)
खदिरपलाशदेवदारुबिल्वानां (1.1.2.4.0)
खरस्य (1.1.4.3.0)
खरश्चन्दनभारवाही (1.1.4.4.0)
खरवद्वहन्ति॥ (1.1.4.4.0)
खानि (1.1.5.28.0)
खल्वयने (1.1.6.9.0)
खलु (1.1.6.16.0)
खल्लमु्खानि, (1.1.7.14.0)
खल्लतीक्ष्णौष्ठं; (1.1.7.14.0)
खण्डं, (1.1.8.9.0)
खरधारम्, (1.1.8.9.0)
खरधारमस्थिच्छेदनार्थम्॥ (1.1.8.9.0)
खण्डशः (1.1.11.11.0)
खलु (1.1.14.3.0)
खल्वाप्यो (1.1.14.4.0)
खलु (1.1.14.14.0)
खल्वप्रवर्तमाने (1.1.14.36.0)
खल्वोजस्तदेव (1.1.15.23.0)
खादतीह॥ (1.1.17.17.0)
खट्वाम्, (1.1.18.19.0)
खलु (1.1.20.3.0)
खरः (1.1.20.27.0)
खलु (1.1.21.7.0)
खलु (1.1.21.9.0)
खलु (1.1.21.9.0)
खलु (1.1.21.18.0)
खवैगुण्याद्व्याधिस्तत्रोपजायते। (1.1.24.10.0)
खण्डचक्रसंयुक्ते (1.1.26.12.0)
ख्यापयन्ति (1.1.28.3.0)
खगा (1.1.29.36.0)
खरोष्णोऽनिष्टगन्धश्च (1.1.29.41.0)
खट्वोर्ध्वपादा (1.1.29.47.0)
खञ्जनप्रतिमा (1.1.31.6.0)
खेभ्यः (1.1.31.17.0)
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