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ज्ञानम्
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Base Word |
REF |
Category |
Headword |
Sandhi split |
POS |
Etymology |
Meaning |
अनुप्रज्ञानम् | 3109 | नपुं* | H1 | - | NP | अनु+प्र+ज्ञा+ल्युट् | "पदचिह्नों का अनुसरण,टोह लगाना" | सुप्तज्ञानम् | 92974 | नपुं* | H2 | सुप्तम्-ज्ञानम् | NP | - | स्वप्न | सीमाज्ञानम् | 110490 | नपुं* | H1 | - | NP | सीमा+अज्ञानम् | सीमा की जानकारी न होना | आत्मज्ञानम् | 10926 | नपुं* | H2 | आत्मन्-ज्ञानम् | NP | - | अध्यात्म ज्ञान | दिव्यज्ञानम् | 36635 | नपुं* | H2 | दिव्य- ज्ञानम् | NP | - | अलौकिक जानकारी | मृषाज्ञानम् | 67109 | नपुं* | H2 | मृषा-ज्ञानम् | NP | - | "अज्ञान, अशुद्धि, भूल" | व्याप्तिज्ञानम् | 81726 | नपुं* | H2 | व्याप्तिः-ज्ञानम् | NP | - | सार्वजनिक सहवर्तिता की जानकारी | सामान्यज्ञानम् | 91428 | नपुं* | H2 | सामान्य-ज्ञानम् | NP | - | लोकविषयक व्यापक बातों का ज्ञान | बुद्ध्यवज्ञानम् | 58117 | नपुं* | H2 | बुद्धिः-अवज्ञानम् | NP | - | किसी को समझ का तिरस्कार करना या निकृष्ट मत रखना | प्रत्यभिज्ञानम् | 53346 | नपुं* | H1 | - | NP | प्रति+अभि+ज्ञा+ल्युट् | पहचानना | पुरुषज्ञानम् | 50406 | नपुं* | H2 | पुरुषः-ज्ञानम् | NP | - | मानवजाति का ज्ञान | अध्यात्मज्ञानम् | 2265 | नपुं* | H2 | अध्यात्म-ज्ञानम् | NP | - | आत्मा या परमात्मा संबन्धी ज्ञान अर्थात् ब्रह्म एवं आत्म-विषयक जानकारी | मिथ्याज्ञानम् | 65819 | नपुं* | H2 | मिथ्या-ज्ञानम् | NP | - | "अशुद्धि, त्रुटि, गलतफहमी" | प्रवृत्तिविज्ञानम् | 105293 | नपुं* | H2 | प्रवृत्ति-विज्ञानम् | NP | - | बाहरी संसार का ज्ञान | भविष्यज्ञानम् | 59402 | नपुं* | H2 | भविष्य+ज्ञानम् | NP | - | आगे होने वाली बातों की जानकारी | विज्ञानम् | 108732 | नपुं* | H1 | - | NP | विज्ञा+ल्युट् | इन्द्रियातीत ज्ञान | शास्त्रज्ञानम् | 83900 | नपुं* | H2 | शास्त्रम्-ज्ञानम् | NP | - | "धर्मशास्त्र का ज्ञान, वेद की जानकारी" | संविज्ञानम् | 109827 | नपुं* | H1 | - | NP | सम्+वि+ज्ञा+ल्युट् | प्रत्यक्ष ज्ञान | चाक्षुर्ज्ञानम् | 29794 | नपुं* | H2 | चाक्षुष-ज्ञानम् | NP | - | "आँखों देखी गवाही, या प्रमाण" | प्रतिज्ञानम् | 52755 | नपुं* | H1 | - | NP | प्रति+ज्ञा+ल्युट् | "मानना, स्वीकार करना" | सम्यग्ज्ञानम् | 110261 | नपुं* | H1 | - | NP | - | "सही ज्ञान,सच्ची जानकारी" | परिज्ञानम् | 46709 | नपुं* | H1 | - | NP | परि + ज्ञा + ल्युट् | "पूरा ज्ञान, पूरी जानकारी" | शकुनज्ञानम् | 82177 | नपुं* | H2 | शकुनः-ज्ञानम् | NP | - | "सगुनों का ज्ञान, भवितव्यता, होनहार" | प्रत्यक्षज्ञानम् | 53313 | नपुं* | H2 | प्रत्यक्ष-ज्ञानम् | NP | - | "आँखों देखी गवाही, सीधा इन्द्रियों द्वारा प्राप्त ज्ञान" | ब्रह्मज्ञानम् | 58479 | नपुं* | H2 | ब्रह्मन्-ज्ञानम् | NP | - | "सत्यज्ञान, दिव्यज्ञान, विश्व की ब्रह्म के साथ एकरूपता का ज्ञान" | रोगज्ञानम् | 107722 | नपुं* | H2 | रोगः-ज्ञानम् | NP | - | रोग का निदान | अज्ञानम् | 1208 | नपुं* | H1 | - | NP | - | विशेष करके आध्यात्मिक अज्ञान | अवधिज्ञानम् | 99354 | नपुं* | H2 | अवधि-ज्ञानम् | NP | - | जैन शब्दावली में ज्ञान की तीसरी अवस्था जिसमें इन्द्रीयातीत विषयों का ज्ञान भी मनुष्य को जाता हैं | " 'न' के सामान्यतया छः अर्थ गिनाये गये हैं : - क सादृश्य = समानता या सरूपता यथा 'अब्राह्मणः' ब्राह्मण के समान जनेऊ आदि पहने हुए परन्तु ब्राह्मण न होकर्, क्षत्रिय वैश्य आदि। ख अभाव = अनुपस्थिति, निषेध, अभाव, अविद्यमानता यथा """"""""अज्ञानम्"""""""" ज्ञान का न होना, इसी प्रकार, अक्रोधः, अनंगः, अकंटकः, अघटः आदि। ग भिन्न्ता = अन्तर या भेद यथा 'अपटः' कपड़ा नहीं, कपड़े से भिन्न या अन्य कोई वस्तु। घ अल्पता = लघुता, न्यूनता, अल्पार्थवाची अव्यय के रूप में प्र्युक्त होता है-यथा 'अनुदरा' पतली कमर वाली कृशोदरी या तनुमध्यमा । च अप्राशअत्य = बुराई, अयोग्यता तथा लघूकरण का अर्थ प्रकट करना - यथा 'अकालः' गलत या अनुपयुक्त समय; 'अकार्यम्' न करने य्प्ग्य, अनुचित, अयोग्य या बुरा काम। छ विरोध = विरोधी प्रतिक्रिया, वैपरीत्य यथा 'अनीतिः' नीति-विरुद्धता, अनैतिकता, 'असित' जो श्वेत न हो, काला। उपर्युक्त छः अर्थ निम्नांकित श्लोक में एकत्र संकलित हैं - तत्सादृश्यमभावश्च तदन्यत्वं तदल्पता। अप्राशस्त्यं विरोधश्च नञर्थाः षट् प्रकीर्तिताः॥ दे* 'न' भी। कृदन्त शब्दों के सथ इसका अर्थ समान्यतः """"""""नहीं"""""""" होता है यथा 'अदग्ध्वा' न जलाकर, 'अपश्यन्' न देखते हुए। इसी प्रकार 'असकृत्' एक बार नहीं। कभी-कभी 'अ' उत्तरपद के अर्थ को प्रभावित नहीं करता यथा 'अमूल्य', 'अनुत्तम', यथास्थान। """" " | - | - | अभ्यनुज्ञानम् | 5930 | नपुं* | H1 | - | NP | "अभि+अनु+ज्ञा+अङ्+टाप्,ल्युट् वा" | तर्क को स्वीकार करना | इन्द्रियज्ञानम् | 13177 | नपुं* | H2 | इन्द्रियम्-ज्ञानम् | NP | - | "चेतना, प्रत्यक्ष करने की शक्ति" | अवज्ञानम् | 8079 | नपुं* | H1 | - | NP | अव+ज्ञा+ल्युट् | "अनादर, तिस्कार " | रसज्ञानम् | 107493 | नपुं* | H2 | रसः-ज्ञानम् | NP | - | भैषज्यविज्ञान | समनुज्ञानम् | 89229 | नपुं* | H1 | - | NP | सम् + अनु + ज्ञा + ल्युट् | "पूर्ण अनुमति, पूरी सहमति" | प्रज्ञानम् | 52196 | नपुं* | H1 | - | NP | प्र+ज्ञा+ल्युट् | "चिह्न, प्रतीक, निशान" | विवेकज्ञानम् | 78583 | नपुं* | H2 | विवेकः-ज्ञानम् | NP | - | विवेचन करने की शक्ति | अपज्ञानम् | 4317 | नपुं* | H1 | - | NP | अप+ज्ञा+ल्युट् | "मुकरना, गुप्त रखना " | भूतविज्ञानम् | 60757 | नपुं* | H2 | भूत+ विज्ञानम् | NP | - | पिशाच विज्ञान | अवाग्ज्ञानम् | 8648 | नपुं* | H2 | अवाक्-ज्ञानम् | NP | - | अनादर | अभिज्ञानम् | 5353 | नपुं* | H1 | - | NP | अभि+ज्ञा+ल्युट् | चन्द्रमंडल में काला चिह्न | रथविज्ञानम् | 107426 | नपुं* | H2 | रथः-विज्ञानम् | NP | - | रथ हाँकने की कला | अनुज्ञानम् | 2976 | नपुं* | H1 | - | NP | अनु+ज्ञा+ल्युट् | "आज्ञा, आदेश" | यथाज्ञानम् | 68026 | अव्य* | H2 | यथा-ज्ञानम् | AV | - | व्यक्ति की अधिक से अधिक जानकारी या वुद्धि के अनुसार | वास्तुज्ञानम् | 108568 | नपुं* | H2 | वास्तु-ज्ञानम् | NP | - | "वास्तु कला,भवन निर्माण का प्रारुप या अभिकल्प" | पूर्वज्ञानम् | 50967 | नपुं* | H2 | पूर्व-ज्ञानम् | NP | - | पूर्वजन्म का ज्ञान | ज्ञानम् | 102502 | नपुं* | H1 | - | NP | ज्ञा+ल्युट् | सम्मति |
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