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संस्कृत
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BASE WORD |
PHILOSOPHY |
MEANING |
प्राज्ञ | वेदान्त दर्शन | ’प्रायेण अज्ञः प्राज्ञः’ अर्थात् अल्पज्ञ । इस अर्थ में यह शब्द मलिनसत्त्वप्रधान व्यष्टि -अज्ञान उपाधि वाले अल्पज्ञ जीव के लिये प्रयुक्त हुआ है । सामान्यतः संस्कृत में इसका प्रयोग ’बुद्धिमान्’ के अर्थ में होता है । | अपवाद | वेदान्त दर्शन | सामान्य संस्कृत तथा लोकभाषा में ’अपवाद’ का अर्थ अपयश, अपकीर्ति या निन्दा आदि होता है । व्याकरण इत्यादि शास्त्रों में व्यापक नियम ’उत्सर्ग’ के विरुद्ध नियमविशेष की ’अपवाद’ संज्ञा है । किन्तु वेदान्त शास्त्र में अध्यारोप के निराकरण या निषेध को ’अपवाद’ कहा जाता है । |
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