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अज
'
Base Word |
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Headword |
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POS |
Etymology |
Meaning |
अजमोदा | 1108 | स्त्री* | H2 | अज-मोदा | NP | - | अजमोद - एक औषध का नाम जिसे मराठी में 'ओंवा' कहते हैं | अजिह्म | 1184 | "वि*, न* त*" | H1 | - | NV | - | "सच्चा, खरा, ईमानदार, बेलाग और खरा" | अज्ञान | 1206 | "वि*,न* ब*" | H1 | - | NV | - | "अनजान, बेसमझ" | अज्ञात | 1203 | "वि*, न* त*" | H1 | - | NV | - | "न्अ जाना हुआ, अप्रत्याशित, अनजान" | अजमोदिका | 1109 | स्त्री* | H2 | अज-मोदिका | NP | - | अजमोद - एक औषध का नाम जिसे मराठी में 'ओंवा' कहते हैं | अजहत्स्वार्थवृत्तिः | 98748 | स्त्री* | H1 | - | NP | "न जहत्स्वार्थो यत्र, हा+शतृ, न*ब*" | वह शब्द जो अपने भाव को सुरक्षित रखता हुआ समस्त पद के अर्थ में कुछ वृद्धि करता है | अजातव्यवहारः | 1158 | पुं* | H2 | अजात-व्यवहारः | NP | - | "अवयस्क, नाबालिग जिसको अभी तक वयस्कता न मिली हो" | अजगरी | 1096 | स्त्री* | H2 | अज-गरी | NP | - | एक पौधे का नाम | अजगरः | 1095 | पुं* | H2 | अज-गरः | NP | - | "अजगर नामक भारी साँप जो, कहते हैं बकरियों को निगल जाता है" | अजगावः | 1118 | पुं* | H1 | - | NP | अजगो विष्णुस्तमवतीति - अव+अण् | "शिव का धनुष, पिनाक" | अज्ञातचर्या | 1204 | स्त्री* | H2 | अज्ञात-चर्या | NP | - | छिप कर रहना | अजिरम् | 1180 | नपुं* | H1 | - | NP | अज्+किरन् | मेंढक | अजमीढः | 98743 | पुं* | H1 | - | NS | - | सुहोत्र के एक पुत्र का नाम | अजकवः | 1111 | पुं* | H1 | - | NP | अजं विष्णुं कं ब्रह्माणं वातीति - वा+क | शिव का धनुष | अजमारः | 1105 | पुं* | H2 | अज-मारः | NS | - | एकप्रदेश का नाम | अजशृङ्गी | 1110 | स्त्री* | H2 | अज-शृङ्गी | NP | - | मेढासिंगी' पौधे का नाम | अजागलस्तनः | 1146 | पुं* | H2 | अजा-गलस्तनः | NP | - | बकरियों के गल में लटकने वाला थन | अजिनपत्रिका | 1171 | स्त्री* | H2 | अजिनम्-पत्रिका | NP | - | चमगादड़ | अजहल्लिङ्गम् | 1143 | नपुं* | H1 | - | NP | "न जहत् लिङ्ग यत्, हा+शतृ " | संज्ञा शब्द जिसका रूप नहीं बदलता चाहे वह विशेषण की भांति ही क्यों न प्रयुक्त किया जाय | अज्ञातवस्तुशास्त्रम् | 98750 | नपुं* | H1 | - | NP | - | पाखण्ड प्रतिपादक शास्त्र | अजगवम् | 1117 | नपुं* | H1 | - | NP | अजगो विष्णुस्तं वातीति - वा+क | "शिव का धनुष, पिनाक" | अजिनम् | 1168 | नपुं* | H1 | - | NP | अज्+इनच् | चमड़े का थैला या धौंकनी | अजापालकः | 1148 | पुं* | H2 | अजा-पालकः | NP | - | गडरिया | अजीगर्तः | 1190 | पुं* | H1 | - | NP | अज्यै गमनाय गर्तं यस्य | साँप | अजयोनिजः | 98744 | पुं* | H1 | - | NS | - | दक्षप्रजापति | अजिनपत्री | 1170 | स्त्री* | H2 | अजिनम्-पत्री | NP | - | चमगादड़ | अजिनपत्रा | 1169 | स्त्री* | H2 | अजिनम्-पत्रा | NP | - | चमगादड़ | अज | 1084 | "वि*,न* त* " | H1 | - | NV | न जायते नञ् - जन्+ड | "अजन्मा, अनादि" | अजितात्मन् | 1164 | वि* | H2 | अजित-आत्मन् | NV | - | जिसने अपने मन या इन्द्रियों का दमन नहीं किया है | अजपालः | 1103 | पुं* | H2 | अज-पालः | NP | - | एकप्रदेश का नाम | अजानिकः | 1160 | पुं* | H1 | - | NP | अजेन आनो जीवनं यस्य - ठन् | "गडरिया, बकरियों का व्यापारी" | अजातककुद् | 1156 | पुं* | H2 | अजात-ककुद् | NP | - | थोड़ी उम्र का बैल जिसका कुब्ब अभी न निकला हो | अजातककुत् | 1155 | पुं* | H2 | अजात-ककुत् | NP | - | थोड़ी उम्र का बैल जिसका कुब्ब अभी न निकला हो | अजीकवम् | 1189 | नपुं* | H1 | - | NP | अज्या शरक्षेपेण कं ब्राह्मणं वाति प्रीणाति वा+क | शिव का धनुष | अज्ञातवासः | 1205 | पुं* | H2 | अज्ञात-वासः | NP | - | छिप कर रहना | अजानेय | 1161 | वि* | H1 | - | NV | अजेऽपि आनेयः - यथास्थानं प्रापणीयः इति अज्+अप - आ+नी +यत् | "उत्तम कुल का, निर्भय" | अजिनवासिन् | 1173 | वि* | H2 | अजिनम्-वासिन् | NV | - | मृग-चर्म पहनने वाला | अजानिः | 1159 | पुं* | H1 | - | NP | नास्ति जाया यस्य - जायाया निङादेशः | "जिसकए स्त्री न हो, पत्नीहीन, विधुर" | अजिनसन्धः | 1174 | पुं* | H2 | अजिनम्-सन्धः | NP | - | मृगचर्म का व्यवसाय करने वाला | अजादिः | 98749 | पुं* | H1 | - | NP | - | पाणिनि का एक गण | अजजीविकः | 1099 | पुं* | H2 | अज-जीविकः | NP | - | गड़रिया | अजादनी | 1091 | स्त्री* | H2 | अज-अदनी | NS | - | "कटीली, काकमाची, धमासा" | अज्ञानम् | 1208 | नपुं* | H1 | - | NP | - | विशेष करके आध्यात्मिक अज्ञान | " 'न' के सामान्यतया छः अर्थ गिनाये गये हैं : - क सादृश्य = समानता या सरूपता यथा 'अब्राह्मणः' ब्राह्मण के समान जनेऊ आदि पहने हुए परन्तु ब्राह्मण न होकर्, क्षत्रिय वैश्य आदि। ख अभाव = अनुपस्थिति, निषेध, अभाव, अविद्यमानता यथा """"""""अज्ञानम्"""""""" ज्ञान का न होना, इसी प्रकार, अक्रोधः, अनंगः, अकंटकः, अघटः आदि। ग भिन्न्ता = अन्तर या भेद यथा 'अपटः' कपड़ा नहीं, कपड़े से भिन्न या अन्य कोई वस्तु। घ अल्पता = लघुता, न्यूनता, अल्पार्थवाची अव्यय के रूप में प्र्युक्त होता है-यथा 'अनुदरा' पतली कमर वाली कृशोदरी या तनुमध्यमा । च अप्राशअत्य = बुराई, अयोग्यता तथा लघूकरण का अर्थ प्रकट करना - यथा 'अकालः' गलत या अनुपयुक्त समय; 'अकार्यम्' न करने य्प्ग्य, अनुचित, अयोग्य या बुरा काम। छ विरोध = विरोधी प्रतिक्रिया, वैपरीत्य यथा 'अनीतिः' नीति-विरुद्धता, अनैतिकता, 'असित' जो श्वेत न हो, काला। उपर्युक्त छः अर्थ निम्नांकित श्लोक में एकत्र संकलित हैं - तत्सादृश्यमभावश्च तदन्यत्वं तदल्पता। अप्राशस्त्यं विरोधश्च नञर्थाः षट् प्रकीर्तिताः॥ दे* 'न' भी। कृदन्त शब्दों के सथ इसका अर्थ समान्यतः """"""""नहीं"""""""" होता है यथा 'अदग्ध्वा' न जलाकर, 'अपश्यन्' न देखते हुए। इसी प्रकार 'असकृत्' एक बार नहीं। कभी-कभी 'अ' उत्तरपद के अर्थ को प्रभावित नहीं करता यथा 'अमूल्य', 'अनुत्तम', यथास्थान। """" " | - | - | अजिह्मगः | 1187 | पुं* | H2 | अजिह्म-गः | NP | - | तीर | अजजीवः | 1098 | पुं* | H2 | अज-जीवः | NP | - | गड़रिया | अजातारि | 1151 | वि* | H2 | अजात-अरि | NV | - | "जिसका कोई श्त्रु न हो, जो किसी का श्त्रु न हो" | अजातशत्रुः | 1154 | पुं* | H2 | अजात-शत्रुः | NP | - | "युधिष्ठिर' की उपाधियाँ, शिव तथा दूसरे अनेक देवताओं की उपाधि " | अजातारिः | 1153 | पुं* | H2 | अजात-अरिः | NP | - | "युधिष्ठिर' की उपाधियाँ, शिव तथा दूसरे अनेक देवताओं की उपाधि " | अजाजिः | 1149 | स्त्री* | H1 | - | NP | अजेन आजः त्यागः यस्याम् - अज+आज+इन् | सफेद या काला जीरा | अजस्रम् | 1141 | अव्य* | H1 | - | AV | - | "सदा, अनवरत, लगातार" | अज् | 1083 | "भ्वा* पर* अक* सेट्*-<अजति>, <आजीत्>, <अजितुम्>, <अजित्>, <वीत>" | H1 | - | D | "अजति, आजीत्, अजितुम्, अजित् - वीत" | फेंकना | अजा | 1145 | स्त्री* | H1 | - | NP | नञ्+जन्+ड+टाप् | बकरी | अजर | 1136 | "वि*, न* त*" | H1 | - | NV | - | "जो कभी न मुर्झावे, अनश्वर" | अजय | 1131 | "वि*,न* ब*" | H1 | - | NV | - | "जो जीता न जा सके, जो हराया न जा सके, नाय" | अजन | 1120 | "वि*, न* ब*" | H1 | - | NV | - | "जनशून्य, बियाबान" | अजड | 1119 | "वि*, न* ब*" | H1 | - | NV | - | "जो जड न हो , समझदार" | अजः | 1090 | "वि*,न* त* " | H1 | - | NV | नञ् - जन्+ड | "चन्द्रमा, कामदेव" | अजिह्वः | 1188 | पुं* | H1 | - | NP | - | मेंढक | अजिह्मग | 1186 | वि* | H2 | अजिह्म-ग | NV | - | सीधा चलने वाला | अजिह्मः | 1185 | पुं* | H1 | - | NP | - | मेंढक | अजहत्स्वार्था | 1142 | "स्त्री*, न* ब*" | H1 | - | NP | न जहत् स्वार्थोऽत्र - हा+शतृ | लक्षणा शक्ति का एक भेद जिसमें मुख्यार्थ पद - शून्यता के कारण नष्ट नहीं होता; | अज्ञ | 1202 | "वि*, न* त*" | H1 | - | NV | नञ्+ज्ञा+क | "अजान, समझ की शक्ति से हीन" | अजीव | 1195 | "वि*, न* ब*" | H1 | - | NV | - | "निर्जीव, जीव रहित" | अजिर | 1175 | वि* | H1 | - | NV | अज्+किरन् | "शीघ्रगामी, स्फूर्तिवान्" | अजित | 1163 | वि* | H1 | - | NV | नञ्+जि+क्त | "न जीता हुआ, अनियन्त्रित, अनिरुद्ध" | अजात | 1150 | "वि*, न* त*" | H1 | - | NV | - | "अनुत्पन्न, जो अभी उत्पन्न न हुआ हो, पैदा न किया गया हो, अविकसित हो" | अजातशत्रु | 1152 | वि* | H2 | अजात-शत्रु | NV | - | "जिसका कोई श्त्रु न हो, जो किसी का श्त्रु न हो" | अजया | 1133 | स्त्री* | H1 | - | NP | - | भांग | अजरः | 1137 | पुं* | H1 | - | NP | - | देवता | अजयः | 1132 | पुं* | H1 | - | NP | - | "हार, पराजय" | अजपः | 1126 | पुं* | H1 | - | NP | - | वह ब्राह्मण जो सन्ध्योपासना उचित रूप से नहीं करता है | अजगल | 1097 | पुं* | H2 | अज-गल | NP | - | बकरियों का गला | अजका | 1113 | स्त्री* | H1 | - | NP | स्वार्थे कन्+टाप् | "छोटी बकरी, बकरी का बच्चा" | अजीवः | 1196 | पुं* | H1 | - | NP | - | "सत्ता का अभाव, मृत्यु" | अजकावः | 1115 | पुं* | H1 | - | NP | अजं विष्णुं कं ब्रह्माणम् अवति इति अव्+अण् | "शिव का धनुष, पिनाक" | अजिरा | 1182 | स्त्री* | H1 | - | NP | अज्+किरन्+ टाप् | दुर्गा का नाम | अजितः | 1166 | पुं* | H1 | - | NP | - | "विष्णु, शिव या बुद्ध" | अजिका | 1114 | स्त्री* | H1 | - | NP | स्वार्थे कन्+टाप् | "छोटी बकरी, बकरी का बच्चा" | अजस्र | 1140 | "वि*, न* त*" | H1 | - | NV | नञ्+जस्+र | "अविच्छिन्न, अनवरत, लगातार रहने वाला" | अजकवम् | 1112 | नपुं* | H1 | - | NP | अजं विष्णुं कं ब्रह्माणं वातीति - वा+क | शिव का धनुष | अजिनयोनिः | 1172 | स्त्री* | H2 | अजिनम्-योनिः | NP | - | "हरिण, कृष्णसार, मृग" | अजीर्ण | 1191 | "वि*, न* त*" | H1 | - | NV | - | "न पचा हुआ, न सड़ा हुआ" | अजर्यम् | 1139 | नपुं* | H1 | - | NP | नञ्+जृ+यत् | मित्रता | अजाविकम् | 1092 | नपुं* | H2 | अज-अविकम् | NP | - | छोटा पशु | अजीवनिः | 1197 | स्त्री* | H1 | - | NP | नञ्+जीव्+अनि | "मृत्यु, सत्ता का अभाव" | अजरम् | 1138 | नपुं* | H1 | - | NP | - | परमात्मा | अजय्य | 1134 | "वि*, न* त*" | H1 | - | NV | नञ्+जि+यत् | जो जीता न जा सके | अजरकः | 98746 | "पुं*,न*ब*" | H1 | - | NP | - | "अजीर्ण, अपच" | अजम्भ | 1127 | "वि*, न* ब*" | H1 | - | NV | - | दांत रहित | अजितेन्द्रिय | 1165 | वि* | H2 | अजित -इन्द्रिय | NV | - | जिसने अपने मन या इन्द्रियों का दमन नहीं किया है | अजाश्वम् | 1093 | नपुं* | H2 | अज-अश्वम् | NP | - | बकरे और घोड़े | अज्झलम् | 1199 | नपुं* | H1 | - | NP | - | जलता हुआ कोयला | अजन्य | 1124 | "वि*, न* त*" | H1 | - | NV | - | "उत्पन्न होने के अयोग्य, मानव जाति के प्रतिकूल" | अजरकम् | 98747 | "नपुं*,न*ब*" | H1 | - | NP | - | "अजीर्ण, अपच" | अजनिः | 1121 | स्त्री* | H1 | - | NP | अज्+अनि | "पथ, मार्ग" | अजैडकम् | 1094 | नपुं* | H2 | अज-एडकम् | NP | - | बकरे और मेंढे | अजनाभः | 98745 | पुं* | H1 | - | NS | - | भारतवर्ष का प्राचीन नाम | अजीर्णिः | 1194 | स्त्री* | H1 | - | NP | नञ्+जॄ+क्तिन् | "बल, शक्ति, क्षय का अभाव" | अजकावम् | 1116 | नपुं* | H1 | - | NP | अजं विष्णुं कं ब्रह्माणम् अवति इति अव्+अण् | "शिव का धनुष, पिनाक" | अजीर्णम् | 1192 | नपुं* | H1 | - | NP | - | अपच | अजाजीवः | 1147 | पुं* | H2 | अजा-जीवः | NP | - | गडरिया | अजन्यम् | 1125 | नपुं* | H1 | - | NP | - | अपशकुनसूचक अशुभ घटना जैसे कि भूचाल | अजम्भः | 1130 | पुं* | H1 | - | NP | - | बच्चे की वह अवस्था जब उसके दांत नहीं निकले हैं | अजन्मन् | 1123 | पुं* | H1 | - | NP | - | "परमानन्द, छुटकारा, अपमुक्ति" | अजातव्यञ्जन | 1157 | वि* | H2 | अजात-व्यञ्जन | NV | - | जिसके दाढ़ी आदि अभिज्ञान चिह्न न हों |
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