Index Search for 'ज्ञेयः' |
Shloka: | एवं ब्रुवाणान्यदि वः प्रतिब्रूयाद्धि कश्चन । स नरः सर्वथाज्ञेयः कश्चासौ क्व च वर्तते ॥ |
Reference: | 3.32.67.0.16(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>सप्तषष्ठितमोऽध्यायः (67)>श्लोक#16) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | सप्तषष्ठितमोऽध्यायः (67) |
Akhyana: | |
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